बड़े या अप्रत्याशित खर्चों को प्रबंधित करने के लिए पर्सनल लोन एक आवश्यक वित्तीय साधन बन गया है। चाहे शादी के लिए पैसे जुटाना हो, अपने घर का रेनोवेशन करवाना हो या किसी मेडिकल इमरजेंसी से निपटना हो, पर्सनल लोन बिना किसी सिक्योरिटी और कोलेट्रल के तुरंत पैसे उपलब्ध कराते हैं। इस लेख का उद्देश्य आपको यह निर्धारित करने की प्रक्रिया में मार्गदर्शन करना है, कि आपके सैलरी के आधार पर आपको कितना पर्सनल लोन मिल सकता है?
पर्सनल लोन राशि की गणना करने के तरीके
बैंक, NBFC, या अन्य वित्तीय संस्थान आमतौर पर आपकी पर्सनल लोन राशि की गणना करने के लिए मल्टीप्लायर मेथड और EMI/NMI रेश्यो या इन दोनों मेथड का एक साथ उपयोग करते हैं।
मल्टीप्लायर मेथड क्या है?
बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा आपकी लोन पात्रता निर्धारित करने के लिए उपयोग की जाने वाले सबसे आम मेथड में से एक मल्टीप्लायर मेथड है। इस मेथड के अनुसार बैंक/NBFC/वित्तीय संस्थान आवेदक की नेट मासिक इनकम के कुछ गुना के समान पर्सनल लोन राशि प्रदान करता हैं। यह लोन राशि आमतौर पर 10 से 24 गुना के बीच हो सकता है, जो अलग-अलग Lender और आपकी मासिक इनकम के अनुसार तय किया जाता है। जितनी अधिक आपकी आय और क्रेडिट स्कोर होगा, उतना ही अधिक आपको लोन मिल सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी मासिक सैलरी ₹50,000 है और ऋणदाता मासिक सैलरी का 20 गुना लोन राशि प्रदान करता है, तो आपको अधिकतम ₹10,00,000 (₹50,000 x 20) तक का लोन मिल सकता है।
EMI/NMI रेश्यो क्या है?
EMI/NMI रेश्यो (EMI/NMI Ratio) एक और महत्वपूर्ण कारक है, जो यह निर्धारित करता है कि आप अपनी मासिक आय (Net Monthly Income – NMI) का कितना प्रतिशत EMI चुकाने में खर्च कर सकते हैं। अर्थात आपकी मासिक आय के आधार पर बैंक और वित्तीय संस्थान यह तय करते हैं कि आपको कितना पर्सनल लोन मिल सकता है। आमतौर पर बैंक, NBFC या अन्य वित्तीय संस्थान 50-55% तक के EMI/NMI रेश्यो वाले आवेदकों को पर्सनल लोन देना पसंद करते हैं।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप उस लोन राशि के लिए पात्र हैं जिसमें आपको ₹20,000 की EMI चुकानी होगी, और आपकी मासिक आय ₹50,000 है। इस स्थिति में, आपका EMI/NMI रेश्यो 40% होगा, जो कि अधिकांश ऋणदाताओं के लिए स्वीकार्य सीमा के भीतर है।